Posts

Showing posts from December, 2015

OLD HATS NEW FACES

            Reunions are such great occasions Remember the movie Pyaasa? Guru Dutt sees Mala Sinha entering the class and renders  एक शेर जब हम चलें तो साया भी अपना ना साथ दे जब तुम चलो तो ज़मीन चले आसमान चले जब हम रुकें तो साथ रुके शामें  बे कसि जब तुम रुको तो बहार रुके चाँद रुके Years later, it is the college reunion वही शायर है अन्दाज़ बदल गया तंग आ चुके हैं कश्मकशे ज़िंदगी से हम ठुकरा ना दे जहाँ को कहीं बेदिली से हम उभरेंगे एक बार अभी दिल के वलवले माना कि दब गए हैं गमे ज़िंदगी से हम कोई नहि पूछता तुम कहाँ थे कहाँ रहे साहिब एक दूसरी फ़िल्म पर चलते हैं Dharmendra की सबसे बहतरीं film Satyakaam क्लास बस में पिकनिक पर जा रही है आदमी है क्या आदमी है बंदर रोटी उठा के भागे कपड़े चुरा के भागें कहलाय वो Sikander आदमी का क्या कहना प्यार मोहब्बत फ़ितरत उसकी दोस्ती मझहब उसका सालों बाद  यार से reunion वही अन्दाज़. कुछ नहीं बदला, यार बदल गया समझ नहीं आता की मैं बदल गया या यह दुनिया बदल गयी आज कल ऐसा लगता है जैसे बुरायी मैं हम एक दूसरे का मुक़ाबला कर रहें हैं हमने अप